Description
योग में हिन्दू लोग सहश्त्रों वर्ष पहले यूरोपियन लोगों से बाजी मार ले गए| अब तक भी जितनी निर्मल बूढी हिन्दुओं की है उतनी और किसी की नहीं| मैत्रेयी उपनिषद के अनुसार – प्राण विद्या ही सब विद्याओं का मूल है और प्राणायाम द्वारा वशीभूत करना ही बूढी को निर्मल बनाने और परिमार्जित करने का एकमात्र सर्वोत्तम साधन है| जिस योग की इतनी महिमा संसार भर में प्रसिद्ध है उस योग की पहली सीढ़ियो का वर्णन बड़ी सुन्दर रीती से इस पुस्तक में किया गया है|
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